मात्र 10 महीने का तनिष्क सिंह ( Tanishk Singh ) जिनेटिक ( Spinal Muscular Atrophy Type-1 ) स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी टाइप-1 (SMA) जैसी दुर्लभ बीमारी से गुजर रहा है। तनिष्क का इलाज जिस इंजेक्शन से होना है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। हाल ही के कुछ महीनों में इस बीमारी से पीड़ित बच्चें के इलाज के लिए पीएम मोदी की ओर से 6 करोड़ का टैक्स माफ किया गया था।
नागौर सांसद हनुमान बेनिवाल ने तनिष्क के पिता से धैर्य रखने को कहा और जयपुर स्थित जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक व अन्य शिशु रोग विशेषज्ञों से तनिष्क के इलाज को लेकर दूरभाष पर विस्तृत चर्चा की ! और ट्विटर के माध्यम से कहा कि कि तनिष्क सिंह के इलाज को लेकर मेरे द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे।
तनिष्क, 10 महीने का है, लेकिन अब तक सहारा देने के बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं रह सकता । यहां तक कि सीने की मांसपेशियों में इतनी ताकत भी नहीं बची है कि वह अच्छे से पूरी सांस ले सके। ईश्वर ने उसे मस्तिष्क दिया है, बोली भी दी है, लेकिन एक जीन नहीं दिया। यह जीन शरीर में खास किश्म का प्रोटीन बनाता है, जिससे शरीर की सारी मांसपेशियां काम करती हैं। इस जीन के बिना तनिष्क का जीवन अधूरा है। केवल एक इंजेक्शन, तनिष्क की सारी समस्या का समाधान है, लेकिन इस एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है, जो तनिष्क के माता-पिता के लिए जुटा पाना आसान नहीं है। राजस्थान के नागौर जिले में छोटें से गांव नड़वा ( Narwa ) के रहने वाले दीपिका कंवर और शैतान सिंह की इकलौती संतान तनिष्क जो ( Spinal Muscular Atrophy Type-1 ) स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी टाइप-1 दुर्लभ बीमारी से ग्रहसित हैं।
परबतसर जैसे छोटे से कस्बें में वकील के तौर पर काम करने वाले शैतान सिंह ने बताया कि जब वह चार-पांच महीने का था, तभी से यह समस्या शुरू हई थी। पहले बीमारी का हमें पता नहीं चला , लेकिन बाद में जे.के. लोन हॉस्पिटल जयपुर के पीडियाट्रिक डॉ. प्रियांशु माथुर ने देखा तो बता दिया कि तनिष्क सिंह एसएमए की बीमारी से पीड़ित है।
शैतान सिंह ने कहा कि अभी तक तनिष्क को व्यायाम के सहारे से हम नियंत्रण करके रखे हुए हैं, ताकि उसके शरीर की सभी मांसपेशियां सक्रिय रहे, पूरे दिन में तीन से चार घंटे फेमिली वाले बारी-बारी से उसके शरीर की मांसपेशियों की एक्सरसाइज कराते हैं। शैतान सिंह ने कहा कि इसका इलाज दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन जोल्गेन्स्मा( Zolegensma ) है।
हैदराबाद के तीन साल के अयांश गुप्ता जो दुर्लभ स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से जूझ रहा था 9 जून को अयांश को जिंदगी का उपहार मिला है। उसके लिए क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाया गया था उसके बाद से ही तनिष्क के माता-पिता के हिम्मत के साथ उम्मीद जगी है। यह देश दयालु और कृपालुओं का है और मुझे उम्मीद है कि सभीलोग मेरे बेटे की जान बचाने के लिए जरूर मदद करेंगे। तनिष्क के माता-पिता ने सोशल मिडिया के जरिये देश की जनता के साथ-साथ पीएम मोदी, सीएम अशोक गहलोत, समाज सेवी सोनु सूद, जैसे लोगों से मदद की गुहार लगाते लगाते थक चुके है, मगर अभी तक कही से कोई मदद नही मिली है।
तनिष्क के परिवार वालों ने क्राउड फंडिंग के लिए एक लिंक तैयार किया है, जिसमें बीमारी से जुड़ी जानकारियां हैं। यदि कोई मदद करना चाहे तो इस लिंक पर जाकर मदद भी कर सकता है। लिंक पर उसकी बीमारी के डॉक्युमेंट्स और डोनेशन के तरीके भी मिल जाएंगे।
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